कंगाली घाट में दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर हलचल गाँव थीम.
कंगाली घाट में दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर हलचल गाँव थीम.
दुर्गा पूजा के महत्वपूर्ण पहलू
नवदुर्गा : देवी दुर्गा के नौ विभिन्न रूप, जो शक्ति और साहस का प्रतीक हैं।
पंडाल: अस्थायी संरचनाएं, जिनमें देवी दुर्गा की मूर्तियों को रखा जाता है और सजाया जाता है।
संधि पूजा : अष्टमी और नवमी के संक्रमण के दौरान की जाने वाली पूजा, जो देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है।
विसर्जन : दुर्गा पूजा के अंतिम दिन, जब देवी दुर्गा की मूर्ति को जल निकाय में विसर्जित किया जाता है, जो उनके दिव्य निवास में वापसी का प्रतीक है।
कंगाली घाट की दुर्गा पूजा समिति ने इस वर्ष भी आकर्षक पंडाल और प्रतिमा के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। स्थानीय लोगों ने पूजा पंडाल की थीम को सराहा और समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष की दुर्गा पूजा में विशेष आयोजन और आकर्षक सजावट की गई है
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